Thursday 28 December 2017

सम्पादकीय


आदरणीय पाठकों को मासिक न्यूज़लेटर "व्योम अवलोकन" का प्रथम अंक समर्पित करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है। मासिक व्योम अवलोकन का एकमात्र उद्देश्य ब्रह्माण्ड विज्ञान के प्रति छात्रों और वयस्कों में रूचि पैदा करना है तथा उन तथ्यों, प्रमाणों, जानकारियों और सूचनाओं को उन तक पहुँचाना है जो स्कूली किताबों या फिर अध्यापकों, मित्रों इत्यादि से न मिल सके। विज्ञान आज के समय और आज की शिक्षा का अभिन्न अंग बन चुका है। एक सभ्य और आधुनिक समाज की नींव वैज्ञानिक सोच और समझ पर आधारित होती है। मानवीय विकास क्रम विज्ञान की अहम् भूमिका है जिसके चलते हम बड़े से बड़े और छोटे से छोटे कार्य सहजता और सरलता के साथ पूर्ण कर पा रहे हैं और प्रकृति के प्रति हमारी समझ और परिपक्व होती जा रही है। हम आज पूर्व में ला-इलाज माने जाने वाली कई बिमारियों का सफलतापूर्वक समाधान खोज लिए हैं, हम दूसरे ग्रहों पर पहुँच गए है और सूचना क्रांति हो चुकी है और इसका कारण हमारी वैज्ञानिक प्रवृत्ति है जो हमे आगे जाने के लिए प्रेरित करती है। आज भले ही हमारे पास इन्टरनेट का माध्यम है जिसके चलते हम कुछ ही क्षणों में किसी भी विषय पर सूचना प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि यह आपके सामने लेखों, सूचनाओं और आंकड़ों का अम्बार लगा देता है जिससे एक आम पाठक को प्रासंगिक तथ्य ढूंढने में असुविधा हो सकती है। आप शोध कार्य के लिए सामग्री इक्कट्ठा कर रहे हो तो बात अलग है लेकिन एक औसत पाठक जो मात्र जानकारी के लिए इन्टरनेट पर जाता है तो वहां पर जानकारी का अम्बार उसे विभोर कर देता है। इस न्यूज़लेटर का लक्ष्य यही रहेगा कि खगोल शास्त्र की विभिन्न शाखाओं से जुड़ी हर जानकारी को पाठकों को हर महीने सुलभता के साथ उपलब्ध कराता रहे। कोशिश रहेगी कि इसके लेख भारी-भरकम तकनीकी एवं अकादमिक न लगे, बल्कि सरल सुलभ भाषा में प्रस्तुत किये जाये जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पाठक बिना किसी अतिरिक्त कठनाई या शब्दजाल में खोये, इसमें लिखित जानकारी का लाभ उठा सके और लेखों को पढ़ने का आनंद उठा सके। 



खगोल शास्त्र की विभिन्न शाखाओं पर चर्चा करेंगे जैसे कि सौर मंडल, तारो और आकाशगंगाओं पर विमर्श होगा, ब्रहमांड की उत्पति और भविष्य को लेकर सिद्धांतों पर चर्चा होगी और खगोलशास्त्र के मानवीय इतिहास पर भी चर्चा होगी जिसमे हम प्रसिद्द खगोलविदों और उनके योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। हम प्रक्षेपण यानी कि राकेट विज्ञान और तकनीक को चर्चा से बाहर रखेंगे क्योंकि ये शुद्ध रूप से खगोलीय विज्ञान के अंतर्गत नहीं आता। कुछ लोग इसको भूलवश और अज्ञानतावश ज्योतिषशास्त्र समझ ले तो उन्हें सचेत किया जाता है कि ज्योतिषशास्त्र से इस न्यूज़लेटर का कोई भी सम्बन्ध नहीं है। 

यह एक अपने में पहल है और भविष्य में यह सफल होगा कि नहीं यह न्यूज़लेटर की टीम की मेहनत और पाठकों की राय एवं सहयोग पर निर्भर करेगा।

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